राग दरबारी तक।
बीएससी साइकल से
सरकारी गाड़ी तक।।
एरिटोप जेल से
पतंजलि एलोवेरा तक।
अंतहीन बातों में गुजरे
रात से सवेरा तक।।
बिन बुलाई शादियों में
घुस कर दावत खाने तक।
जोड़-जोड़ कर चार पैसे
कॉण्ट्रा खेलने जाने तक।।
ग्राफिक्स वर्ल्ड के स्लो
इंटरनेट में लोड होते
पेज तक।
बेफिक्री वाले बचपने से
संघर्षों वाले ऐज तक।।
हँसी के ठहाकों में दबी
बेचैनी की आहों तक।
चिंता के बादल में डूबी नम होती
निगाहों तक।।
गिरते-संभलते ठोकर खाते
मंजिल को पाने तक।
बीते हुए कल से लेकर
आने वाले जमाने तक।।
~ जन्मदिन मुबारक रहेगा ~
वाह
ReplyDeleteहीहीही...🤣 बहूहूहूहू...😢 🙏🙏शुक्रिया😊
Deleteवाह जबरदस्त प्रस्तुति🙏🙏
ReplyDelete🙏😊 धन्यवाद
DeleteHat's off sajal.
ReplyDeleteTumhari kalam me bhut takat aa gyi hai.
Kya khub likhta hai tune bhai.��
Graphics world me kon sa page slow khulta tha... ��
शुक्रिया भाई🙏🙏..
Deleteग्राफिक्स वर्ल्ड में रिजल्ट देखने जाते थे न वही पेज लोड नही होता था😅